CRPF Hero Returns: झारखंड के कोडरमा जिले के मरकच्चो प्रखंड अंतर्गत देवीपुर गांव में शुक्रवार की सुबह एक दर्दनाक दृश्य देखने को मिला, जब 27 वर्षीय शहीद सीआरपीएफ जवान सुजीत सिंह का पार्थिव शरीर उनके पैतृक आवास पहुंचा। युवा जवान के तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को देखकर पूरा क्षेत्र शोक में डूब गया और लोगों की आंखें नम हो गईं।
शहीद सुजीत सिंह की अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए। ग्रामीणों के साथ जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, पुलिस-प्रशासन के अधिकारी तथा सीआरपीएफ कर्मी भी उपस्थित रहे। पूरे मार्ग में भारत माता की जय, शहीद सुजीत सिंह अमर रहें और वंदे मातरम के नारे लगातार गूंजते रहे। जो लोग अंतिम यात्रा का हिस्सा नहीं बन सके, वे सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि व्यक्त कर रहे हैं और परिवार के प्रति संवेदना प्रकट कर रहे हैं।
गांव में सैन्य परंपराओं के अनुरूप शहीद को अंतिम विदाई दी गई। तिरंगे में लिपटे शरीर को सलामी गारद ने सम्मान दिया और राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार संपन्न हुआ। गांव के लोग भावुक होकर उन्हें अंतिम प्रणाम करते रहे।
शहीद के बड़े भाई विकास सिंह ने बताया कि सुजीत शुरू से ही देश सेवा के लिए समर्पित था। वर्ष 2023 में उसने सीआरपीएफ जॉइन किया था और उसी समय उसकी पोस्टिंग कश्मीर में हुई थी। घर में देश सेवा की परंपरा रही है, और सुजीत भी उसी भावना से प्रेरित था।परिजनों के अनुसार, सुजीत का विवाह मई 2025 में गिरिडीह जिले के भतडीहा (मिर्जागंज) में हुआ था। शादी के कुछ ही दिनों बाद वह पत्नी को देवीपुर छोड़कर फिर से ड्यूटी पर कश्मीर लौट गया था।
सूत्रों के अनुसार, सुजीत सिंह कश्मीर में अपनी तैनाती के दौरान शहीद हुए, लेकिन उनकी मौत कैसे हुई इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है। परिवार और स्थानीय लोग आधिकारिक जानकारी का इंतजार कर रहे हैं, जबकि पूरे क्षेत्र में दुख और आक्रोश दोनों हैं।


