Jamshedpur farmers: जमशेदपुर से सटे ग्रामीण इलाकों में इन दिनों धान की कटाई और छठाई का काम तेजी पर है। लगभग सभी गांवों में मशीनों की मदद से छठाई की प्रक्रिया चल रही है। हालांकि इस बार सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 2300 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, लेकिन किसान इस दर से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं दिख रहे।
किसानों का कहना है कि बीज, खाद, दवाइयों, डीज़ल और मजदूरी की बढ़ती लागत से खेती लगातार महंगी होती जा रही है। इसके साथ ही मौसम की अनिश्चितता और कभी-कभी आने वाली आपदाओं का पूरा बोझ भी किसान को ही उठाना पड़ता है। ऐसे में 2300 रुपये का MSP उनकी लागत और मेहनत दोनों को पूरा नहीं कर पा रहा है।
किसानों ने स्पष्ट कहा है कि जब तक समर्थन मूल्य में कम से कम 500 रुपये की अतिरिक्त बढ़ोतरी नहीं की जाएगी, तब तक उन्हें धान उत्पादन से उचित लाभ नहीं मिल पाएगा। उनका कहना है कि बढ़ती लागत को देखते हुए यह बढ़ोतरी जरूरी है, ताकि खेतिहर परिवारों को आर्थिक संबल मिल सके और वे खेती जारी रख सकें।
स्थानीय किसानों के अनुसार ग्रामीण परिवारों के पास न तो कोई अन्य आय का स्रोत है और न ही लोग किसी दूसरी आजीविका में कुशल हैं। ऐसे में खेती ही पूरे गांव की जीवनरेखा बनी हुई है। किसान महेश्वर हांसदा और बबलू मार्डी ने बताया कि सरकार को जमीन पर मौजूद वास्तविक स्थिति को समझते हुए समर्थन मूल्य पुनः निर्धारित करना चाहिए।उनका कहना है कि यदि दाम नहीं बढ़ाया गया, तो आने वाले वर्षों में किसान खेती से दूर होने को मजबूर हो सकते हैं, जिसका सीधा असर स्थानीय अर्थव्यवस्था और खाद्यान्न उत्पादन पर पड़ेगा।


