Cash Seizure Raid: पूर्व मध्य रेल दानापुर मंडल के झाझा स्टेशन पर शनिवार को रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और जीआरपी की संयुक्त कार्रवाई में एक बड़ी बरामदगी हुई। नई दिल्ली–हावड़ा दुरंतो एक्सप्रेस से यात्रा कर रहे एक यात्री के बैग से 70 लाख रुपये नकद बरामद किए गए। यह कार्रवाई दानापुर सुरक्षा नियंत्रण कक्ष से प्राप्त गुप्त सूचना के आधार पर की गई, जिसमें कोच S3 में एक संदिग्ध यात्री के काले बैग के साथ यात्रा करने की जानकारी दी गई थी।
सूचना मिलते ही झाझा स्टेशन पर ड्यूटी में तैनात उपनिरीक्षक अशोक कुमार सिंह के नेतृत्व में आरपीएफ, जीआरपी और ट्रेन एस्कॉर्ट टीम ने ट्रेन के प्लेटफॉर्म संख्या 02 पर पहुंचते ही S3 कोच को घेर लिया। मार्गरक्षण पार्टी के इंचार्ज सुरेंद्र प्रसाद आजाद तथा उनकी टीम पहले से मौजूद थी और उन्होंने यात्री के संदिग्ध व्यवहार पर पहले ही पूछताछ शुरू कर दी थी।पूछताछ में युवक ने दावा किया कि बैग में किताबें रखी हैं, लेकिन वह अपने उत्तरों में लगातार असमंजस में दिखाई देता रहा। संदिग्ध परिस्थिति देखते हुए RPF–GRP टीम की मौजूदगी में बैग की तलाशी ली गई। तलाशी में किताबों के बजाय 500-500 रुपये के नोटों के बड़े-बड़े बंडल मिले, जिन्हें तुरंत सील कर लिया गया।
यात्री को ट्रेन से उतारकर जीआरपी थाना झाझा लाया गया। पूछताछ में उसकी पहचान श्यामसुंदर दास, निवासी रैगर पुरा, करोल बाग (दिल्ली–5) के रूप में हुई। उसने बताया कि यह बैग करोल बाग के एक व्यक्ति सुखदेव नायक (मंदिर सेवक) ने उसे कोलकाता पहुँचाने के लिए दिया था। युवक ने दावा किया कि उसे बताया गया था कि पैकिंग में किताबें हैं।थाने में RPF, GRP और एस्कॉर्ट पार्टी की मौजूदगी में जब पैकेट खोले गए तो 28 बंडल 500-500 रुपये के नोट मिले। प्रत्येक बंडल में 2.5 लाख रुपये थे, जिससे कुल रकम 70 लाख रुपये की पुष्टि हुई। पूरी कार्रवाई की फोटो और वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई।
इसके बाद एस्कॉर्ट पार्टी इंचार्ज सुरेंद्र प्रसाद आजाद ने बरामद नकदी को एक लिखित आवेदन के साथ जीआरपी अधिकारी एसआई रामाशीष सिंह को आगे की कानूनी प्रक्रिया के लिए सौंप दिया। फिलहाल जीआरपी झाझा द्वारा आरोपी से विस्तृत पूछताछ जारी है, ताकि कैश के स्रोत और उद्देश्य की जानकारी जुटाई जा सके।
स्टेशन पर हुई इस बड़ी रिकवरी के बाद RPF और GRP की सतर्कता तथा त्वरित कार्रवाई की व्यापक रूप से सराहना की जा रही है। अधिकारियों का मानना है कि यदि समय रहते कार्रवाई न होती, तो भारी मात्रा में नकदी बिना जांच के एक शहर से दूसरे शहर पहुँच जाती।


