Cultural Drumbeat: झारखंड स्थापना दिवस के अवसर पर राजधानी रांची में 16 नवंबर को विशेष ‘जतरा’ का आयोजन किया गया, जहां पारंपरिक उत्सव और सांस्कृतिक धुनों का रंगारंग माहौल देखने को मिला। इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विशेष अतिथि के रूप में पहुंचे और पारंपरिक नगाड़ा बजाकर कार्यक्रम की ऊर्जा को नई ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया। जैसे ही सीएम ने नगाड़ा बजाया, उपस्थित लोगों में उत्साह की लहर दौड़ गई और पूरा वातावरण ताल-थाप से गूंज उठा।
जतरा में शामिल होकर मुख्यमंत्री ने न केवल झारखंड की सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ाव जताया बल्कि मांदर और ढोल की थाप पर अपनी उपस्थिति से लोक-संस्कृति के प्रति सम्मान भी प्रदर्शित किया। कार्यक्रम स्थल पर जनसमूह की हूंकार और तालियों की गूंज ने समारोह को और भी जीवंत बना दिया।
कार्यक्रम के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने एक्स पर अपनी भावनाएँ साझा करते हुए लिखा—“ढोल-मांदर की धुन पर जब पैर थिरकते हैं, तब पूरी धरती उत्सव बन जाती है। रांची में जतरा का अदभुत संगम…।” उन्होंने आगे कहा कि यह जतरा झारखंड की पहचान, संस्कृति और संघर्षों की गौरवशाली यात्रा का प्रतीक है।
सीएम ने झारखंड राज्य के 25 वर्ष पूर्ण होने पर सभी राज्यवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए ‘जोहार’ कहा। उन्होंने स्थापना दिवस को राज्य के विकास, सांस्कृतिक विरासत और सामूहिक गर्व का अवसर बताया। रांची में आयोजित यह जतरा राज्य की परंपराओं, विरासत और लोकधुनों का भव्य प्रदर्शन बन गया, जिसमें आम जनता की उत्साही भागीदारी दिखाई दी।


