Faheem Khan Release: धनबाद के कुख्यात गैंगस्टर और ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ के वास्तविक प्रेरणास्रोत माने जाने वाले फहीम खान के लिए शुक्रवार का दिन महत्वपूर्ण रहा। झारखंड उच्च न्यायालय ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए आदेश दिया कि राज्य सरकार छह माह के भीतर फहीम को जेल से रिहा करे। इससे 75 वर्षीय फहीम खान के जेल से बाहर आने का रास्ता लगभग साफ हो गया है।
जमशेदपुर की घाघीडीह जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे फहीम खान की रिहाई याचिका पर सुनवाई न्यायमूर्ति अनिल कुमार चौधरी की अदालत में हुई। फहीम की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार सिन्हा ने दलील दी कि लंबी अवधि की कैद के अलावा वह हृदय और किडनी की गंभीर समस्याओं से पीड़ित है। ऐसे में उसकी सजा में छूट दी जानी चाहिए।
राज्य सरकार ने रिहाई के विरोध में एक रिव्यू बोर्ड का गठन किया था, जिसकी रिपोर्ट में कहा गया कि फहीम खान समाज के लिए खतरा हो सकता है, इसलिए रिहाई उपयुक्त नहीं होगी। हालांकि अदालत ने इस रिपोर्ट को पर्याप्त नहीं माना। कोर्ट ने कहा कि उम्र, स्वास्थ्य और जेल में बिताए गए लंबे समय को देखते हुए आरोपी को रियायत दी जा सकती है।
ध्यान रहे कि 10 मई 1989 को वासेपुर में सगीर हसन सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या की गई थी। आरोप था कि फहीम खान अपने साथियों छोटना उर्फ करीम खान और अरशद के साथ मौके पर पहुंचा और सगीर के सिर में गोली दाग दी।शुरुआत में सेशन कोर्ट ने सभी आरोपितों को बरी कर दिया था, लेकिन बाद में पटना हाईकोर्ट ने इस फैसले को उलटते हुए फहीम खान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सुप्रीम कोर्ट ने भी 2011 में इस फैसले को कायम रखा।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद जिले में चर्चा तेज हो गई है। फहीम खान के परिवार और समर्थकों में राहत की भावना है, जबकि सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासन ने संभावित परिस्थितियों को देखते हुए निगरानी बढ़ा दी है। अब सभी की नजरें राज्य सरकार द्वारा आदेश के पालन और आगामी छह माह की प्रक्रिया पर टिकी हैं।


