Badam Puja Celebration: दो दिवसीय अनुष्ठान पूरा‚ श्रद्धालुओं ने प्रकृति को दिया धन्यवाद

Badam Puja Celebration: पूर्वी सिंहभूम जिले के बहरागोड़ा प्रखंड स्थित गुहियापाल गांव में पारंपरिक बडाम पूजा का भव्य आयोजन मंगलवार को संपन्न हुआ। बाथूड़ी समाज की आदिवासी और हिंदू परंपराओं का यह संगम स्थानीय समुदाय में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। गांव में हर वर्ष होने वाले इस उत्सव को

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Badam Puja Celebration: पूर्वी सिंहभूम जिले के बहरागोड़ा प्रखंड स्थित गुहियापाल गांव में पारंपरिक बडाम पूजा का भव्य आयोजन मंगलवार को संपन्न हुआ। बाथूड़ी समाज की आदिवासी और हिंदू परंपराओं का यह संगम स्थानीय समुदाय में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। गांव में हर वर्ष होने वाले इस उत्सव को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे।

यह धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन 5 नवंबर से प्रारंभ हुआ। दो दिनों तक चले इस उत्सव में सैकड़ों ग्रामीण श्रद्धालु शामिल हुए। पूजा का मूल उद्देश्य प्रकृति, फसल और देवी-देवताओं के प्रति कृतज्ञता प्रकट करना है। ग्रामीणों के अनुसार यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है और गांव की सामाजिक एकजुटता का प्रमुख आधार है।

मुख्य आयोजक हरिराम विशाल ने बताया कि बडाम पूजा, भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा से प्रेरित है। उनके अनुसार यह आयोजन न केवल धार्मिक मान्यता से जुड़ा है, बल्कि समाज को एक साथ लाने का माध्यम भी है। पूजा के दौरान गांववासियों ने सामूहिक रूप से प्रसाद तैयार किया और सभी परिवारों ने आशीर्वाद ग्रहण किया।

पूरे कार्यक्रम के संचालन में तपन कुमार विशाल और बिरंची पाटूलिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आयोजन समिति के सदस्यों ने गांवभर के युवाओं और महिलाओं की सहभागिता सुनिश्चित की, जिससे कार्यक्रम शांति और अनुशासन के साथ संपन्न हुआ।

समापन समारोह में ओड़िशा से आमंत्रित चांगु नृत्य दल ने अपनी पारंपरिक प्रस्तुति से ग्रामीणों का मन मोह लिया। ढोल-नगाड़ों की धुन और मनभावन नृत्य से पूरा गांव भक्ति और उत्सव की भावना में डूब गया।

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि बडाम पूजा केवल धर्म तक सीमित नहीं है, बल्कि यह गांव की एकता, सहयोग और सामूहिक समृद्धि का प्रतीक भी है। पूजा के अंत में सभी ने गांव की खुशहाली, अच्छी फसल और परिवारों की समृद्धि की कामना की।

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