Devotion in Jamshedpur: जमशेदपुर में नाग पंचमी का पर्व पूरे श्रद्धा और विधि-विधान के साथ मनाया गया। सुबह से ही शहर के विभिन्न इलाकों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। विशेष रूप से दक्षिण भारतीय समुदाय के लोगों ने इस अवसर पर परंपरागत रूप से विशाल पेड़ों के नीचे नाग देवता की पूजा-अर्चना की। श्रद्धालुओं ने दूध, फल और तिल का प्रसाद चढ़ाकर नाग देवता की आराधना की और परिवार की सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना की।
हर साल की तरह इस बार भी दक्षिण भारतीय समाज के लोग विधि-विधान से पूजा में शामिल हुए। उनका मानना है कि नाग देवता की कृपा से परिवार में संकट नहीं आता और घर में खुशहाली बनी रहती है। पूजा स्थलों पर महिलाएं पारंपरिक वस्त्रों में नजर आईं और बच्चों ने भी पूजा-अर्चना में हिस्सा लिया।
परंपरा के अनुसार, नाग पंचमी के दिन नाग के बिल के पास पूजा की जाती है ताकि नाग देवता प्रसन्न हों और परिवार की रक्षा करें। कई श्रद्धालुओं ने मिट्टी से बने नाग प्रतिमाओं को भी घर में स्थापित कर पूजा की। पूजा के दौरान भक्तों ने दूध, तिल और फूल अर्पित किए।
श्रद्धालु प्रिया कुमारी ने बताया कि “हर साल हम लोग विधि-विधान से पूजा करते हैं ताकि नाग देवता प्रसन्न रहें और सबकी रक्षा करें।” उन्होंने कहा कि यह त्योहार सिर्फ आस्था ही नहीं, बल्कि संस्कृति और एकता का प्रतीक भी है।
दक्षिण भारत में नाग पंचमी का पर्व दीपावली के पांचवे दिन मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा को विशेष महत्व दिया जाता है, क्योंकि माना जाता है कि इससे जीवन में नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है।


