Seraikela news: सरायकेला जिले के ईचागढ़ थाना क्षेत्र में बालू का अवैध कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है। उपायुक्त के हालिया सख्त निर्देशों के बावजूद बालू माफिया बेखौफ होकर खुलेआम नदी घाटों से बालू की निकासी कर रहे हैं। प्रशासनिक प्रतिबंधों और कानून की अनदेखी करते हुए दर्जनों ट्रैक्टर बालू लादकर दिनदहाड़े सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, रोजाना लगभग 40 से 50 बालू लदे ट्रैक्टर ईचागढ़ क्षेत्र की सड़कों पर देखे जा रहे हैं। इन ट्रैक्टरों का प्रखंड कार्यालय के समीप से गुजरना प्रशासनिक कार्रवाई की गंभीरता पर सवाल खड़ा कर रहा है। यह दृश्य इस बात का प्रमाण है कि उपायुक्त के आदेशों का पालन करने में स्थानीय स्तर पर गंभीर ढिलाई बरती जा रही है।
सबसे अहम सवाल यह है कि ईचागढ़ थाना प्रभारी विक्रम आदित्य पांडे, अंचल अधिकारी और अनुमंडल पदाधिकारी को इस पूरे रैकेट की जानकारी है या नहीं। स्थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं कि अधिकारी जानते हुए भी इस गैरकानूनी गतिविधि पर आंखें मूंदे हुए हैं। लगातार अवैध निकासी से सरकार को हर महीने करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान उठाना पड़ रहा है।
ईचागढ़ थाना सरायकेला-खरसावां जिले के उन थानों में शामिल है, जहां खनन विभाग द्वारा समय-समय पर कार्रवाई की जाती रही है। कई मौकों पर बालू लदे हाईवा, ट्रैक्टर, जेसीबी और अवैध भंडारण जब्त किए गए थे। इसके बावजूद अवैध कारोबारियों पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा।
हाल के दिनों में ईचागढ़ थाना कई कारणों से चर्चा में रहा है। राज्यपाल के आगमन के दौरान एक व्यक्ति को अस्थायी रूप से होमगार्ड बनाकर ड्यूटी में लगाया गया था, जिसकी ट्रक से कुचलकर मौत हो गई थी। इस घटना को बड़ी सुरक्षा चूक माना गया था। वहीं, कुछ दिन पूर्व एक स्टॉकयार्ड संचालक ने भी ईचागढ़ थाना प्रभारी पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इन विवादों के बीच अब बालू माफिया की गतिविधियों ने एक बार फिर प्रशासनिक निष्क्रियता पर सवाल खड़ा कर दिया है।