Dalma Wildlife Sanctuary: दलमा अभयारण्य में हथिनी रजनी का जन्मदिन मनाया गया‚ केक काटकर किया गया उत्सव

Dalma Wildlife Sanctuary: दलमा वन्य प्राणी अभयारण्य की प्यारी हथिनी रजनी का 16वां जन्मदिन मंगलवार को उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। इस दौरान रजनी ने खुद केक काटा और कार्यक्रम स्थल पर बच्चों व अधिकारियों ने उसे फल और गुड़ खिलाकर शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम में इचागढ़ विधायक सविता

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Dalma Wildlife Sanctuary: दलमा वन्य प्राणी अभयारण्य की प्यारी हथिनी रजनी का 16वां जन्मदिन मंगलवार को उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। इस दौरान रजनी ने खुद केक काटा और कार्यक्रम स्थल पर बच्चों व अधिकारियों ने उसे फल और गुड़ खिलाकर शुभकामनाएं दीं।

कार्यक्रम में इचागढ़ विधायक सविता महतो, डीएफओ सबा आलम अंसारी, रेंजर दिनेश चंद्रा समेत वन विभाग के कई पदाधिकारी और ग्रामीण मौजूद रहे। हर साल की तरह इस बार भी दलमा के मुख्य द्वार को रंग-बिरंगे गुब्बारों से सजाया गया।

16 साल पहले दलमा के जंगल में मिली थी घायल रजनी‚ अब बन गई पहचान

डीएफओ सबा आलम ने बताया कि करीब 16 साल पहले रजनी दलमा के पीलीद गांव के पास एक गड्ढे में घायल अवस्था में मिली थी।
7 अक्टूबर 2009 को वन विभाग ने उसे बरामद किया था। उस वक्त रजनी की उम्र महज डेढ़ साल थी।
तब से हर साल इसी दिन उसका जन्मदिन संरक्षण दिवस के रूप में मनाया जाता है।

अब नए शेड में रहती है रजनी‚ सुरक्षा और देखभाल पर फोकस

शुरुआत में रजनी दलमा के मुख्य द्वार के पास रहती थी, लेकिन अब उसकी देखभाल और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उसे नए शेड में स्थानांतरित कर दिया गया है।
वन विभाग के अनुसार, रजनी अब दलमा की पहचान बन चुकी है और लोगों के बीच एक भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक है।

जागरूकता रैली से मिला संदेश‚ बच्चों ने दी विशेष प्रस्तुति

जन्मदिन के मौके पर आसपास के स्कूलों के बच्चों ने एक जागरूकता रैली भी निकाली, जिसमें वन्यजीव संरक्षण का संदेश दिया गया।
पूरे दलमा क्षेत्र को गुब्बारों और रंगीन झंडियों से सजाया गया, जिससे माहौल पूरी तरह उत्सवमय बन गया।

एक उत्सव से बढ़कर‚ संवेदना और संरक्षण का प्रतीक

रजनी का जन्मदिन अब सिर्फ एक आयोजन नहीं रहा, बल्कि यह मानवीय संवेदना और पर्यावरण संरक्षण का एक जीवंत उदाहरण बन चुका है।

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