Dussehra Celebration 2025: विजयादशमी के अवसर पर गुरुवार की शाम एस.के.जी. फुटबॉल मैदान, कांड्रा में रावण दहन का कार्यक्रम अद्वितीय भव्यता और सांस्कृतिक रंगों के साथ सम्पन्न हुआ। क्षेत्र के सबसे बड़े आयोजनों में शुमार इस कार्यक्रम को देखने करीब 50,000 लोग पहुंचे, जिनमें महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की संख्या भी उल्लेखनीय रही।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से मिली शानदार शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत संध्या 5 बजे से हुई, जब मंच पर जमशेदपुर के रघु एंड ग्रुप ने पारंपरिक गीत-संगीत और नृत्य की प्रस्तुतियां देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। आयोजन स्थल पर लगाए गए लाइट्स, साउंड सिस्टम और मंच सज्जा ने माहौल को और भी आकर्षक बना दिया।

आतिशबाजी के साथ हुआ रावण दहन
जैसे ही अंधेरा गहराया, रंग-बिरंगी आतिशबाजी से आकाश जगमगा उठा। इसके बाद रावण के विशाल पुतले का दहन कर बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीकात्मक संदेश दिया गया। भीड़ ने तालियों और जयघोष के साथ इस ऐतिहासिक क्षण का स्वागत किया।
विशिष्ट अतिथियों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई
इस अवसर पर झामुमो केंद्रीय सदस्य कृष्णा बास्के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि एसडीपीओ समीर सवैया विशिष्ट अतिथि थे। अपने संबोधन में कृष्णा बास्के ने कहा,
“रावण दहन केवल एक पौराणिक परंपरा नहीं, बल्कि हमारे सामाजिक मूल्यों की जीत का प्रतीक है। कांड्रा की जनता हर साल इसे अनुशासित और उत्साहपूर्वक मनाकर मिसाल पेश करती है।”
आयोजन समिति की मेहनत लाई रंग
इस आयोजन के पीछे रावण दहन समिति के अध्यक्ष लाल बाबू महतो और उनकी टीम की महीनों की मेहनत शामिल रही। महतो ने धन्यवाद ज्ञापन में कहा,
“यह कार्यक्रम पूरे क्षेत्र की आस्था और एकता का दर्पण है। हमारी समिति के सभी सदस्यों ने दिन-रात एक कर इसे सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हम सभी दर्शकों, अधिकारियों और सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।”
सुरक्षा और व्यवस्था चाक-चौबंद
50 हजार की भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए प्रशासन ने विशेष सुरक्षा व्यवस्था की थी। कार्यक्रम स्थल के चारों ओर पुलिस बल की तैनाती, ड्रोन वॉच और मेडिकल सुविधा सुनिश्चित की गई थी। इससे आयोजन न केवल भव्य बल्कि सुरक्षित भी रहा।
दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के साथ समापन
कार्यक्रम से पहले कांड्रा बाजार और कॉलोनी की दुर्गा पूजा समितियों ने संयुक्त रूप से माँ दुर्गा की प्रतिमाओं का शांतिपूर्ण विसर्जन कराया, जिससे दिन की शुरुआत भी धार्मिक और सुसंगठित रही।