College Inspection: कोल्हान विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य श्री सोनू ठाकुर ने उसी दिन अचानक कॉलेज का निरीक्षण किया। उनका उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता और आधारभूत संरचना का जायजा लेना था। कॉलेज पहुंचते ही प्राचार्य डॉ. पियूष कुमार ने उनका औपचारिक स्वागत किया, और तत्पश्चात श्री ठाकुर ने शिक्षण भवनों, पुस्तकालय, स्मार्ट क्लास, प्रशासनिक खंड और सभागार का समग्र अवलोकन शुरू किया।
जहां सुधार की दरकार
निरीक्षण के दौरान स्पष्ट झलक मिली कि महाविद्यालय की नींव खराब स्थिति में है। पुरानी और नव-निर्मित भवन दोनों ही टूट-फूट से ग्रस्त दिखे, दीवारों पर दरारें, छतों में रिसाव, तथा रंग उखड़े हुए नजर आए। पुस्तकालय में किताबों की कमी और स्मार्ट क्लास उपकरणों की खराबी महसूस की गई, जिससे छात्रों के सीखने के अवसर प्रभावित हो रहे हैं। यह सारी स्थिति शिक्षा के शांतिपूर्ण माहौल में व्यवधान डाल रही है।
पठन-पाठन व्यवस्था प्रभावित
निरीक्षण से एक और गंभीर समस्या उजागर हुई—शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की भारी कमी। इससे न केवल पठन-पाठन व्यवस्थित ढंग से नहीं हो पा रहा, बल्कि प्रशासनिक कार्य भी बाधित हो रहे हैं। शिक्षकों और प्राचार्य ने श्री ठाकुर को बताया कि इस वजह से समय पर पाठ्यक्रम पूरा नहीं हो रहा और छात्रों को सही मार्गदर्शन नहीं मिल पा रहा है।
समस्याओं का समाधान क्यों जरूरी था
प्राचार्य और संकाय द्वारा राज्यपाल, विश्वविद्यालय प्रशासन और राज्य सरकार तक पहुँचाने को कहा गया। इसी क्रम में, छात्रों और शिक्षकों के हितों को ध्यान में रखते हुए, श्री ठाकुर ने आयोजन की गंभीरता को समझते हुए कहा कि वह इस मुद्दे को उच्च स्तर तक उठाएंगे और इसके स्थायी सुधार की दिशा में सक्रिय प्रयास करेंगे।
आगे की योजनाएँ एवं प्रतिबद्धता
उन्होंने आश्वासन दिया कि निरीक्षण रिपोर्ट तय समय सीमा के भीतर विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंप दी जाएगी, जिससे तत्काल सुधार कार्य शुरू हो सकें। भवनों की मरम्मत, स्मार्ट क्लास की पुनर्स्थापना, पुस्तकालय सामग्री का विस्तार और स्टाफ की भर्ती आदि मामलों पर ध्यान दिया जाएगा। राज्यपाल एवं शिक्षा विभाग को भी इस दिशा में जानकारी और सहायता हेतु अवगत कराया जाएगा।
निष्कर्ष और भविष्य की राह
यह आकस्मिक निरीक्षण महाविद्यालय के जर्जर ढांचे और अपर्याप्त स्टाफ के मुद्दों को उजागर करता है और त्वरित सुधार की मांग करता है। इससे कॉलेज प्रशासन और विश्वविद्यालय पर दबाव बनेगा कि वे शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों के हित में व्यवस्था सुधारें। उम्मीद है कि श्री ठाकुर की सक्रियता से ये मुद्दे जल्दी हल होंगे और जमशेदपुर का यह शैक्षणिक संस्थान अपना खोया सम्मान फिर पा सकेगा।