Seraikela Sand Scam: जिले के ईचागढ़ थाना क्षेत्र के जारगोड़ीह, बीरड़ीह, सड़ो और बामनडीह बालू घाटों से रात के अंधेरे में बालू खनन और परिवहन का सिलसिला बेधड़क जारी है। मंगलवार तड़के करीब 4 बजे, स्थानीय ग्रामीणों ने बालू से लदे कई हाईवा ट्रकों को घाट से निकलते हुए देखा। इसके बाद इलाके में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि यह खनन पूरी तरह से अवैध है और प्रशासन की मिलीभगत से ही रात में इस तरह का संचालन संभव हो रहा है। उनका सवाल है कि यदि यह खनन वैध है, तो फिर यह काम दिन की बजाय रात के अंधेरे में क्यों किया जा रहा है?

प्रति हाईवा 8 हजार की वसूली का दावा, “नीचे से ऊपर तक बंटता है पैसा”
स्थानीय लोगों का आरोप है कि बालू ढुलाई के हर ट्रक से 8,000 रुपये की अवैध वसूली की जाती है। यह रकम कथित रूप से स्थानीय दलालों से लेकर खनन अधिकारियों और प्रशासनिक पदाधिकारियों तक पहुंचती है, ताकि इस अवैध काम को नजरअंदाज़ किया जा सके। ग्रामीणों का कहना है कि रोज़ाना तड़के 2 से 6 बजे के बीच इस तरह की बालू ढुलाई आम बात हो गई है।
ग्रामीणों ने प्रशासन और खनन विभाग से की सख्त कार्रवाई की मांग
इलाके के ग्रामीणों ने सवाल उठाया है कि जब प्रशासन को इस अवैध खनन की जानकारी मिलती है, तब कार्रवाई क्यों नहीं की जाती? और अगर जानकारी नहीं है, तो क्या सिस्टम पूरी तरह फेल हो चुका है? लोगों ने खनन विभाग, जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस से तुरंत हस्तक्षेप करने और इस पूरी व्यवस्था की जांच कराने की मांग की है।
मीडिया के पास मौजूद हैं ट्रकों के विजुअल्स
स्थानीय ग्रामीणों द्वारा बनाए गए वीडियो विजुअल्स में बालू से लदे ट्रक अंधेरे में घाट से निकलते साफ तौर पर देखे जा सकते हैं। ये विजुअल्स न सिर्फ इस आरोप को बल देते हैं, बल्कि प्रशासन की निष्क्रियता पर भी गंभीर सवाल खड़े करते हैं।
प्रशासन की चुप्पी, जवाबदेही तय होगी या नहीं?
अब सवाल यह है कि क्या जिला प्रशासन इन आरोपों का संज्ञान लेकर कार्रवाई करेगा, या फिर यह भी एक और मामला बनकर फाइलों में दफ्न हो जाएगा? जिस तरह से लगातार घाटों से बालू की रात में तस्करी की जा रही है, उससे साफ है कि यह कोई छोटा-मोटा मामला नहीं, बल्कि एक संगठित माफिया नेटवर्क है। अब देखना है कि कार्रवाई होती है या नहीं