Early Monsoon 2025/रांची : देश में मौसम संबंधी गतिविधियों पर नजर रखने वाले भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने शनिवार को घोषणा की कि दक्षिण-पश्चिमी मानसून इस वर्ष सामान्य तिथि से पहले ही केरल पहुंच गया है। यह 2009 के बाद सबसे जल्दी आगमन माना जा रहा है, जब मानसून ने 23 मई को केरल में दस्तक दी थी।
आमतौर पर यह मौसमी प्रणाली हर साल एक जून तक केरल पहुंचती है और 8 जुलाई तक पूरे देश में फैल जाती है।इस वर्ष मानसून के जल्द आगमन ने किसानों और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को एक उम्मीद की किरण दी है। हालांकि, मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि केरल में मानसून का शीघ्र पहुंचना इस बात की गारंटी नहीं देता कि यह देश के अन्य हिस्सों में भी समय से पहले पहुंचेगा।
इसके पीछे विविध जलवायु स्थितियां, वैश्विक प्रभाव जैसे एल नीनो और क्षेत्रीय असमानताएं जिम्मेदार होती हैं।IMD के आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में मानसून आगमन की तिथियों में काफी अंतर देखा गया है। 2023 में 8 जून, 2022 में 29 मई, 2021 में 3 जून, 2020 में 1 जून, 2019 में 8 जून और 2018 में 29 मई को मानसून केरल पहुंचा था।
इस बार इसका समय से पहले आना जलवायु परिवर्तन और वैश्विक मौसमी बदलावों का संकेत हो सकता है।वहीं, अप्रैल में IMD ने यह संभावना जताई थी कि इस साल मानसून सामान्य से अधिक सक्रिय रहेगा, जिससे एल नीनो के प्रभाव में कमी आने की संभावना बढ़ गई थी।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह पूर्वानुमान सही सिद्ध होता है, तो देश को इस वर्ष बेहतर वर्षा मिल सकती है, जिससे कृषि उत्पादन और जल भंडारण में सुधार होगा।